Thursday, May 12, 2016

कोशिका : एक अध्यन

कोशिका किसे कहते हैं?
कोशिकाः- जीवधारियों के शरीर की रचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई को कोशिका कहते हैं।
एककोशीय जीवधारी किसे कहते हैं?
एककोशीय जीवधारीः- प्रत्येक जीवधारी के जीवन का प्रारम्भ केवल एक कोशिका से होता है। यदि वह एक कोशिका का ही रह जाता है तो उसे एककोशीय जीवधारी कहते हैं। जैसे- अमीबा, पैरामिसियम, यीस्ट और जीवाणु आदि।
बहुकोशीय जीवधारी किसे कहते हैं?
बहुकोशीय जीवधारीः- अधिकांश जीवधारियों का शरीर अनेक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उसे बहुकोशीय जीवधारी कहते हैं।
कोशिका झिल्ली किसे कहते हैं?
कोशिका झिल्लीः- प्रत्येक कोशिका अत्यंत पतली एवं सजीव झिल्ली द्वारा घिरा रहता है जिसे कोशिका झिल्ली कहते हैं।
कोशिका कितने प्रकार की होती हैं?
कोशिका प्रोकैरियोटिक एवं यूकैरियोटिक दो प्रकार की होती है।
प्रोकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं?
प्रोकैरियोटिक कोशिकाः- वह कोशिका जिसमें अविकसित केन्द्रक मिलता है अर्थात् जिसमें केन्द्रक झिल्ली अनुपस्थित रहने के कारण केन्द्रीय पदार्थ कोशिका द्रव्य में बिखरा रहता है, उसे प्रोकैरियोटिक कोशिका कहते हैं।
यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं?
यूकैरियोटिक कोशिकाः- वह कोशिका जिसमें पूर्ण विकसित केन्द्रक उपस्थित रहता है, उसे यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं?
क्रोमैटिड्स या क्रोमैटिन तंतु किसे कहते हैं?
क्रोमैटिड्सः- केन्द्रक द्रव्य में अनेक न्यूक्लियोप्रोटीन से बनी हुयी तंतु जैसी रचनायें मिलती हैं उन्हें क्रोमैटिड्स कहते हैं।
क्रोमैटिन जाल किसे कहते हैं?
क्रोमैटिन जालः- ये तन्तु एक दूसरे के ऊपर फैलकर एक जाल जैसी रचना बना लेते हैं। इसे क्रोमैटिन जाल कहते हैं।
गुणसूत्र की लम्बाई कितनी होती है?
गुणसूत्र की लम्बाई 0.1-50 मि०मी० तक होती है।
गुणसूत्र किसे कहते हैं?
गुणसूत्रः- केन्द्रक द्रव्य में उपस्थित जीनधारक वह तंतुवत् रचना जो कोशिका विभाजन के समय दिखायी देती है, उसे गुणसूत्र कहते हैं।
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में गुणसूत्र की संख्या कितनी है?
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में गुणसूत्र की संख्या 23 जोड़े है।
मटर के पौधे में गुणसूत्र की संख्या कितनी है?
मटर के पौधे में गुणसूत्र की संख्या 7 जोड़े है।
आलू में गुणसूत्र की संख्या कितनी है?
आलू में गुणसूत्र की संख्या 21 जोड़े है।
गुणसूत्रक बिन्दु या सेन्ट्रोमियर किसे कहते हैं?
सेन्ट्रोमियरः- प्रत्येक गुणसूत्र में दो लम्बवत् तंतु जैसी रचनायें क्रोमैटिड्स होती है। ये दोनों पूरी लम्बाई तक एक दूसरे के साथ रहती है। दोनों अर्द्धगुणसूत्र एक स्थान पर एक दूसरे से जुड़ी रहती है, इसे गुणसूत्रक बिन्दु या सेन्ट्रोमियर कहते हैं।
वर्णकलिकायें या क्रोमोमियर किसे कहते हैं?
क्रोमोमियरः- प्रत्येक गुणसूत्र पर स्थान-स्थान पर उभरी हुयी कण जैसी रचनायें मिलती हैं, जिन्हें वर्णकलिकायें या क्रोमोमियर कहते हैं।
जीन कहाँ पाये जाते हैं?
जीन गुणसूत्र पर पाये जाते हैं।
गुणसूत्र का निर्माण किसके द्वारा होती है?
गुणसूत्र का निर्माण डी एन ए के अणुओं द्वारा होता है।
एक गुणसूत्र में डी एन ए के अणुओं की संख्या कितनी होती है?
एक गुणसूत्र में डी एन ए के अणुओं की संख्या 10000 से 20000 तक होती है।
जीन किसे कहते हैं?
जीनः- गुणसूत्र पर उपस्थित अतिसूक्ष्म एवं स्वविभाजनशील वह रचना जो अनुवांशिक लक्षणों का वाहक एवं धारक है, उसे जीन कहते हैं।
गुणसूत्र कितने प्रकार के होते हैं?
कार्य के आधार पर गुणसूत्र दो प्रकार के होते हैं:- 1. अलिंग गुणसूत्र 2. लिंग गुणसूत्र
अलिंग गुणसूत्र किसे कहते हैं?
अलिंग गुणसूत्रः- वह गुणसूत्र जिसके द्वारा शारीरिक रचना एवं लक्षणों का निर्धारण होता है, उसे अलिंग गुणसूत्र कहते हैं।
लिंग गुणसूत्र किसे कहते हैं?
लिंग गुणसूत्रः- वह गुणसूत्र जिसके द्वारा लिंग निर्धारण होता है, उसे लिंग गुणसूत्र कहते हैं।
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में अलिंग गुणसूत्र की संख्या कितनी होती है?
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में अलिंग गुणसूत्र की संख्या 22 जोड़ी होती है।
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में लिंग गुणसूत्र की संख्या कितनी होती है?
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में लिंग गुणसूत्र की संख्या 1 जोड़ी होती है।
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में लिंग गुणसूत्र कितने प्रकार की होती है?
मनुष्य की शारीरिक कोशिका में लिंग गुणसूत्र X तथा Y दो प्रकार की होती है। पुरुषों में लिंग गुणसूत्र XY प्रकार के होते हैं परन्तु स्त्रियों में ये XX प्रकार के होते हैं।
जीवन की सबसे छोटी इकाई क्या है?
जीवन की सबसे छोटी इकाई कोशिका है।
कोशिका विभाजन किसे कहते हैं?
कोशिका विभाजनः- वह जैविक क्रिया जिसके फलस्वरूप मातृ कोशिका से पुत्री या संतति कोशिकाओं का निर्माण होता है, उसे कोशिका विभाजन कहते हैं।
क्या सभी कोशिकायें विभाजित होती हैं?
कोशिकायें विभाजित होती हैं परन्तु सभी नहीं। जन्तुओं की लाल रक्त कणिकायें, तंत्रिका कोशिकायें और रेखित कोशिकाओं में एक बार पूर्ण परिपक्वण के बाद कभी विभाजन नहीं होता है। इसी प्रकार नर एवं मादा गैमिट्स परिपक्व होने के बाद विभाजित नहीं होते।
कोशिका विभाजन क्यों होता है?
कोशिका विभाजन के निम्न कारण हैं:-
  1. मेटाबोलिक क्रियाओं की दर तीव्र होने से वृद्धि अधिक होती हैं अतः कोशिकायें विभाजित होती हैं।
  2. कोशिका में डी एन की मात्रा बढ़कर यदि दोगुनी हो जाये तो केन्द्रक विभाजन होता है और अंततः कोशिका कोशिका द्रव्य में विभाजन हो जाता है।
  3. शरीर में घाव में लगने या इसके क्षतिग्रस्त होने पर घाव को भरने के लिये कोशिका विभाजन होता है।
  4. केन्द्रक की माप अपेक्षा यदि कोशिका द्रव्य की मात्रा अधिक हो जाये तो कोशिका विभाजित हो जाती है।
कोशिका विभाजन क्यों आवष्यक है? या, कोशिका विभाजन के क्या महत्व हैं?
कोशिका विभाजन के निम्नलिखित महत्व हैं:-
  1. कोशिका विभाजन के फलस्वरूप नयी नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है। अतः इससे जीवधारी के शरीर के आयतन में वृद्धि होती है।
  2. यह क्षतिपूर्ति में सहायक है।
  3. यह प्रजनन में सहायक होने के साथ ही भ्रूण के विकास में सहायक है।
  4. यह किसी जीवधारी के प्रत्येक पीढ़ी में गुणसूत्र की संख्या को स्थिर बनाये रखने में सहायक है।
कोशिका विभाजन कितने प्रकार का होती है?
कोशिका विभाजन निम्नलिखित तीन प्रकार के होते हैं:-
  1. असूत्री विभाजन
  2. समसूत्री विभाजन
  3. अर्द्धसूत्री विभाजन
असूत्री विभाजन किसे कहते हैं?
असूत्री विभाजनः- कोशिका विभाजन की वह विधि जिसमें बिना स्पिण्डल तंतुओं के निर्माण के ही सीधे केन्द्रक मध्य में दबकर दो भागों में बँट जाता है, उसे असूत्री विभाजन कहते हैं।
समसूत्री विभाजन किसे कहते हैं?
समसूत्री विभाजनः- कोशिका विभाजन की वह विधि जिसके फलस्वरूप समान रचना और गुणसूत्र की संख्या वाली संतति कोशिकाओं का निर्माण होता है, उसे समसूत्री विभाजन कहते हैं।
अर्द्धसूत्री विभाजन किसे कहते हैं?
अर्द्धसूत्री विभाजनः- कोशिका विभाजन की वह विधि जिसमें बनने वाली संतति कोशिकाओं में गुणसूत्र की संख्या उनकी मातृ कोशिका की तुलना में आधी हो जाती है, उसे अर्द्धसूत्री विभाजन कहते हैं।
कोशिका चक्र किसे कहते हैं?
कोशिका चक्रः- वह चक्रीय प्रकिया जिसके व्दारा एक कोशिका से दो कोशिकाओं का निर्माण होता है, उसे कोशिका-चक्र कहते हैं।
अन्तरावस्था क्या है?
अन्तरावस्थाः- कोशिका-चक्र में वास्तविक विभाजन की प्रावस्था एक से दो घण्टे की होती है। शेष समय वृ़द्धि प्रावस्था की होती है। इसे अन्तरावस्था कहते हैं।
अन्तरावस्था को कितने भागों में बाँटा जा सकता है? प्रत्येक का वर्णन करो।
अन्तरावस्था को तीन भागों के बाँटा जा सकता हैः-
  1. प्रथम अन्तरावधि- कोशिका विभाजन द्वारा बनते ही प्रत्येक संतति कोशिका की G1 अन्तरावधि प्रारम्भ हो जाती है। सामान्यतः पूरे कोशिका के समय का लगभग 30 से 40 प्रतिशत स्तनधारियों में 10 से 11 घंटे समय लगता है। इस प्रवस्था में आर एन ए और प्रोटीन का संश्लेषण होता है। परन्तु डी एन ए का संश्लेषण नहीं होता है। अतः कोशिका की वृद्धि तीव्र गति से होती है।
  2. संश्लेषणावधि- इस प्रवस्था में पूरे कोशिका चक्र के समय का लगभग 30 से 50 प्रतिशत स्तनधारियों में 7 से 9 घंटे समय लगता है। इसमे डी एन ए अणुओं का संश्लेषण होता है। इस प्रकार केन्द्रक में इस प्रवस्था में डी एन ए का आयतन दुगना हो जाता है। इसमें प्रत्येक क्रोमैटिन तंतु की दो प्रतियाँ बन जाती है, इन्हें क्रोमैटिड्स या युगल क्रोमैटिड्स कहते हैं।
  3. द्वितीय अन्तरावधि- यह अवधि छोटी होती है। यह कोशिका चक्र के कुल अवधि की लगभग 10 से 20 प्रतिशत स्तनधारी में लगभग 4 घंटे होती है। इसमें कुछ उपापचयी प्रक्रियायें पूरी होती हैं तथा कुछ नये कोशिकांग भी बनते हैं। इसमें प्रोटीन और आर एन ए का संश्लेषण होता रहता है। इस अवधि के बाद कोशिका के विभाजन की प्रवस्था प्रारम्भ हो जाती है।
समसूत्री या माइटोसिस विभाजन किसे कहते हैं?
कोशिका विभाजन वह विधि है जिसके फलस्वरूप समान रचना और गुणसूत्र की संख्या वाली संतति कोशिकाओं का निर्माण होता है, उसे समसूत्री विभाजन कहते हैं।
माइटोसिस विभाजन कहाँ होता है?
माइटोसिस विभाजन जन्तुओं की शारीरिक कोशिकाओं और पौधों के वर्धी भागों की कोशिकाओं में होता है। पौधों का मूलशीर्ष, प्ररोहशीर्ष, कैम्बियम और कलिका इत्यादि भाग इस विभाजन के प्रमुख केंद्र हैं।
माइटोसिस को सोमैटोजेनेसिस क्यों कहते हैं?
माइटोसिस विभाजन शारीरिक कोशिकाओं में होता है अतः इसे सोमैटोजेनेसिस कहते हैं।
माइटोसिस को इक्वेशनल विभाजन क्यों कहते हैं?
माइटोसिस विभाजन के फलस्वरूप बनी हुयी संतति कोशिकाओं में गुणसूत्रों की संख्या समान बनी रहती है। अतः इसे इक्वेशनल विभाजन कहते हैं।
समसूत्री विभाजन की कितनी अवस्थायें होती हैं?
समसूत्री विभाजन की प्रमुख दो अवस्थायें होती हैं:-
  1. केन्द्रक विभाजन
  2. कोशिकाद्रव्य विभाजन
केन्द्रक विभाजन किसे कहते हैं?
केन्द्रक विभाजनः- कोशिका विभाजन की वह अवस्था जिसमें एक केन्द्रक से दो संतति केन्द्रकों का निर्माण हो जाता है, उसे केन्द्रक विभाजन कहते हैं।
केन्द्रक विभाजन को कितनी अवस्थाओं में बाँटा जा सकता है?
केन्द्रक विभाजन को चार अवस्थाओं में बाँटा जा सकता हैः-
  1. पूर्वावस्था या आद्यावस्था- केन्द्रक विभाजन की वह अवस्था जिसमें गुणसूत्र का निर्माण होता है तथा केन्द्रक झिल्ली एवं केन्द्रिका अदृश्य हो जाते हैं, उसे आद्यावस्था कहते हैं।
  2. मध्यावस्था- केन्द्रक विभाजन की वह अवस्था जिसमें तर्कतंतु का निर्माण हो जाता है और क्रोमोसोम्स उनके इक्वेटर पर एकत्रित हो जाते हैं, उसे मध्य अवस्था कहते हैं।
  3. पश्चावस्था- केन्द्रक विभाजन की वह अवस्था जिसमें गुणसूत्र के दोनो अर्धभाग अपने-अपने ध्रुवों की ओर जाने लगते हैं, उसे पश्चावस्था कहते हैं।
  4. अंत्यावस्था- केन्द्रक विभाजन की वह अवस्था जिसमें दो संतति केन्द्रकों का निर्माण हो जाता है, उसे अंत्यावस्था कहते हैं।
कोशिकाद्रव्य विभाजन किसे कहते हैं?
कोशिकाद्रव्य विभाजनः- कोशिका विभाजन की वह अवस्था जिसके फलस्वरूप उसके कोशिकाद्रव्य के विभाजन से एक मातृ कोशिका से दो संतति कोशिकाओं का निर्माण हो जाता है, उसे कोशिकाद्रव्य विभाजन कहते हैं।
केन्द्रक विभाजन और कोशिकाद्रव्य विभाजन में क्या अन्तर है?
केन्द्रक विभाजन और कोशिकाद्रव्य विभाजन में अन्तरः-
केन्द्रक विभाजनकोशिकाद्रव्य विभाजन
यह क्रिया केन्द्रक में होती है।यह क्रिया कोशिकाद्रव्य में होती है।
यह क्रिया साइटोकाइनिसिस के पूर्व होती है।यह क्रिया कैरियोकाइनिसिस के बाद होती है।
यह क्रिया प्रोफेज, मेटाफेज, एनाफेज और टिलोफेज चार अवस्थाओं में पूरी होती है।इसमें ये अवस्थायें नहीं होती हैं।
इसके फलस्वरूप एक केन्द्रक दो केन्द्रकों में बँट जाता है।इसके फलस्वरूप कोशिकाद्रव्य दो भागों में बँट जाता है, जिससे एक कोशिका से दो संतति कोशिका बन जाती है।
इस विभाजन के पूर्ण होने पर भी कोशिका विभाजित नहीं हो पाती है।इस विभाजन के पूर्ण होने पर कोशिका का विभाजन पूर्ण हो जाता है।
यह विधि जटिल होती है।यह विधि सरल होती है।
जन्तु और पौधों की कोशिकाओं में समसूत्री विभाजन में क्या अन्तर है?
जन्तु और पौधों की कोशिकाओं में समसूत्री विभाजन में अन्तरः-
जन्तु कोशिका में समसूत्री विभाजनवनस्पति कोशिका में समसूत्री विभाजन
इसमें स्पिण्डल का निर्माण एस्ट्रल रे और केन्द्रकद्रव्य दोनों से होता है।इसमें तर्कु स्पिण्डल का निर्माण केवल केन्द्रकद्रव्य से होता है।
कोशिका विभाजन के पूर्व दो सेन्ट्रीओल्स का निर्माण हो जाता है।इसमें यह क्रिया नहीं होती है।
सेन्ट्रीओल्स विपरीत ध्रुवों की ओर स्थानान्तरित होने लगते हैं।इसमें यह क्रिया नहीं होती है।
इसमें साइटोकाइनिसिस की क्रिया कटान बनने के कारण होती है।इसमें यह क्रिया सेलप्लेट बनने के कारण होती है।
अर्द्धसूत्री विभाजन किसे कहते हैं?
अर्द्धसूत्री विभाजनः- कोशिका विभाजन की वह विधि जिसमें बनने वाली संतति कोशिकाओं में गुणसूत्र की संख्या उसकी मातृ कोशिका की तुलना में आधी हो जाती है, उसे अर्द्धसूत्री विभाजन कहते हैं।
समसूत्री विभाजन और अर्द्धसूत्री विभाजन में क्या अन्तर है?
समसूत्री विभाजन और अर्द्धसूत्री विभाजन में क्या अन्तरः-
समसूत्री विभाजनअर्द्धसूत्री विभाजन
यह विभाजन शारीरिक कोशिका में होता है।यह विभाजन जनन कोशिकाओं में होता है।
इसके फलस्वरूप दो समसूत्री संतति कोशिका बनती है।इसके फलस्वरूप चार अर्द्धसूत्री संतति कोशिका बनती है।
इसमें विनिमय और क्याजमेटा निर्माण की क्रिया नहीं होती है।इसमें यह क्रिया होती है।
इसमें दूसरा विभाजन चक्र नहीं होता है।इसमें दूसरा विभाजन चक्र होता है।
इसमें गुणसूत्रों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं होता है।इसमें बनने वाली संतति कोशिका में गुणसूत्र की संख्या आधी हो जाती है।
इस विभाजन का मुख्य उद्देश्य शरीर की वृद्धि करना है।इस विभाजन का मुख्य उद्देश्य लैंगिक जनन करने वाले जीवधारियों में गुणसूत्रों की संख्या स्थिर बनाये रखना है।
इसका क्रम विकास से कोई सम्बन्ध नहीं है।यह क्रम विकास का आधार है।

Monday, April 11, 2016

बहुविकल्पीय प्रश्न

Zoology GK In Hindi

1. नाखूनों में उपस्थित प्रोटीन कौन सा है ?
उत्तर : केराटीन

2. गैस सिलेंडरों से गैस लीकेज का पता लगाने के लिए उसमे किस गंध युक्त पदार्थ को मिलाया जाता है ?
उत्तर : इथाइल मर्केप्टेन

3. मानव शरीर में कौन सा अंग यूरिया बनाता है ?
उत्तर : लिवर

4. कठिन परिश्रम के पश्चात् पेशियों में थकावट क्यों होती है ?
उत्तर : पेशियों में लेक्टिक अम्ल इकट्ठा हो जाने के कारण

5. मनुष्यों में टेटेनस का कारण क्या है ?
उत्तर : जीवाणु (बेक्टेरिया )

6. रक्त का थक्का ज़माने में उपयोगी विटामिन है -
उत्तर : विटामिन के (K)

7. कौनसा गृह अपने अक्ष पर एक चक्कर पूरा करने में लगभग उतना ही समय लेता है, जितना की प्रथ्वी ?
उत्तर : मंगल (Mars)

8. ' गार्डन पी ' (Garden Pea) के हाइब्रिडाइजेशन (Hybridisation) से कौन वैज्ञानिक सम्बंधित है ?
उत्तर : ग्रेगर मेण्डेल

9. कार्बन-डाइऑक्सा इड गैस का लोकप्रिय व्यावसायिक नाम क्या है ?
उत्तर : शुष्क बर्फ

Sunday, April 10, 2016

यह ब्लॉग हिंदी भाषी छात्र एवं छात्राओं को उनकी मातृभाषा में प्राणि शास्त्र विषय के प्रमाणिक नोट्स मुहैया कराने हेतु बनाया गया है। मुख्यत: बिलासपुर विश्वविधायलय के छात्र एवं छात्रा इससे लाभान्वित
हो सकेंगे। यह विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक मुख्य विश्वविद्यालय है जहाँ प्रमुख रूप से हिंदी भाषी छात्र अध्यनरत है।